जन -जन की श्रद्धा तुझ में ,तू ही है उसमें मुझमें
हे युग के सूत्रात्मा .... !!!
जग को दिया है जो तूने ,गीता का अमूल्य उपहार ,
जो व्यक्ति करे आचरण ,निश्चय ही तदनुसार ,
शेष नहीं फिर कामना ...!!!
जब -जब पाप बढ़ा धरती पर ,मचा रूदन औ हाहाकार |
रक्षक रूप में आए तब ,स्वीकार किए तुमने अवतार |
दुष्टों का किया खात्मा ...!!!
लीलाधारी अज़ब निराली ,तेरी लीला जन -मन भायी
मैत्री क्या है तूने बताया ,प्रेम की वंशी मधुर बजाई
राधा तेरी प्रियतमा ...!!!
जब जब जन्म लू इस धरती पर ,मुझको तेरी शरण मिले ,
धनी बनाओ या मुझे निर्धन ,बस तेरे ये चरण मिले ,
ओ मेरे..परमात्मा ...!!!
युग ने ली अब अंगड़ाई ,कलयुगी भोर हुई भाई,
'चंचल' मन को समझाओं पथ विमुख न हो राही ,
नित्य करो देवोपासना ...!!!
हे युग के सूत्रात्मा .... !!!
जग को दिया है जो तूने ,गीता का अमूल्य उपहार ,
जो व्यक्ति करे आचरण ,निश्चय ही तदनुसार ,
शेष नहीं फिर कामना ...!!!
जब -जब पाप बढ़ा धरती पर ,मचा रूदन औ हाहाकार |
रक्षक रूप में आए तब ,स्वीकार किए तुमने अवतार |
दुष्टों का किया खात्मा ...!!!
लीलाधारी अज़ब निराली ,तेरी लीला जन -मन भायी
मैत्री क्या है तूने बताया ,प्रेम की वंशी मधुर बजाई
राधा तेरी प्रियतमा ...!!!
जब जब जन्म लू इस धरती पर ,मुझको तेरी शरण मिले ,
धनी बनाओ या मुझे निर्धन ,बस तेरे ये चरण मिले ,
ओ मेरे..परमात्मा ...!!!
युग ने ली अब अंगड़ाई ,कलयुगी भोर हुई भाई,
'चंचल' मन को समझाओं पथ विमुख न हो राही ,
नित्य करो देवोपासना ...!!!
2 comments:
😁😁😁
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