मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018

इंट्रो (फ्रेशर )पार्टी

स्वागत है तुम्हारा, इस महाविद्यालय परिवार में |
प्रियंका जैन"चंचल"
अभिनंदन है तुम्हारा, इस ज्ञान की बहार में ||
स्कूल अब यादों में ही खो गया ,
अब तुम्हारा एडमिशन,  कोलेज में हो गया |
मन में नवीन आशाओं का संचरण होगा |
मन में भी कुछ संदेह व् भय होगा |
तो मेरे  प्यारे दोस्तों , सुनों मेरी बात |
छोड़ो डर व संकोच हम है तुम्हारे साथ ||
छोटे हो तुम ,हम बड़े ,ऐसा न तुम सोचना |
जो भी कुछ हो प्रोब्लम, भेद हमसे खोलना |
छोटे हो या बड़े दोनों की प्रधानता है |
एक है विनम्रता तो दूसरी वात्सल्यता है ||
इंट्रो (फ्रेशर) पार्टी इसलिए रखी है आज |
ताकि तुमको हमसे रहे न कोई लाज |
आज हमारा तुमसे परिचय हो जाएगा |
और हमारा स्नेह भी द्विगुणित हो जाएगा |
हम तुम्हें  कभी- कभी आदेश भी है दे सकते |
परन्तु भलाई के लिए ही बड़े है  कुछ कहते |
अपनों पर ही हुक्म चलाया जाता |
गैरों को आदेश कभी नहीं भाता |
तुम बहुत ही योग्य और होशियार हो|
तुम भी कल के सुनागरिक तैयार हो |
खूब जमके तुम अपनी पढाई करना |
जीवन को उन्नति पथ पर अग्रसर करना |
मेरी एक बात पर जरा गौर करना -
जीवन में विनय  व अनुशासन भी जरुरी है |
पढाई तो इन जीवन मूल्यों के बिना अधूरी है ||
तो इन बातों का रखना तुम ध्यान |
इस कोलेज की खूब बढ़ाना शान |
"चंचल" का तो बस यही था कहना |
यदि बुरा लगे तो दिल पे न लेना || सदा प्रसन्न चित्त रहना ||

5 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Mam apne bahut achchi kavita likhe hai.

PRIYANKA JAIN "CHANCHAL" ने कहा…

शुक्रिया

Unknown ने कहा…

Mam apne bahut achchi kavita likhe hai

बेनामी ने कहा…

Wow mam

बेनामी ने कहा…

Thank