Sunday, September 30, 2018

मेरे सारे अरमान

बाँट दिया तूने प्यारे -प्यारे भगवान् को |
प्रियंका जैन "चंचल "
चीर डाले मेरे  सारे- सारे अरमान को ||
खुदा है वो, गॉड है वो और महावीर है ,
बाँट दिया प्रभु तुझे जैसे ज़ागीर है , 
हाय ! मेरे भारत की कैसी ये तकदीर है ,
बेटों  ने ही बांधी माँ को लोहे की जंजीर है,  
फटे न बिबाई जाके जाने नहीं पीर है ,
बढ़ी यह समस्या जैसे द्रोपदी का चीर है ,
बांटने लगे है देखो अब तो इंसान को ,
चीर डाले मेरे  सारे -सारे अरमान को ||
सीधी- सादी बात याके (पाकिस्तान )समझ नी आवेगी ,
याको कछु जावे नहीं जनता दुःख पावेगी ,
खिसियानी बिल्ली खम्भा नोंच -नोंच खावेगी ,
पूरी को तो पावे नहीं खुद की गवावेगी ,
कोई समझाए कैसे ऐसे नादान को |
चीर डाले मेरे  सारे- सारे अरमान को|| 
युवक को व्यसन  ने ,युवती को फैशन ने,
 कृषक को मौसम ने कर डाला निढ़ाल है,
 ऐसे में उस  कल्पना (चावला )की कल्पना कमाल है ,
भारत में जन्मी किया भारत निहाल है,
करती प्रणाम कल्पना की उस उड़ान को |
चीर डाले मेरे  सारे सारे अरमान को ||
लगी है भली है तो भले तालियाँ बजाईए, 
और इस "चंचल" का हौंसला बढ़ाईए ,
ग्रहण करती हूँ अब अपने स्थान को |
चीर डाले मेरे  सारे -सारे अरमान को ||



5 comments:

मेरा लेख✍️✍️ said...

Nice lines

मेरा लेख✍️✍️ said...

Nice lines

PRIYANKA JAIN "CHANCHAL" said...

शुक्रिया!

KUNDAN GARG said...

अतिसुन्दर

Anonymous said...

अचछे विचार हे आपके👌