बाँट दिया तूने प्यारे -प्यारे भगवान् को |
प्रियंका जैन "चंचल " |
चीर डाले मेरे सारे- सारे अरमान को ||
खुदा है वो, गॉड है वो और महावीर है ,
बाँट दिया प्रभु तुझे जैसे ज़ागीर है ,
हाय ! मेरे भारत की कैसी ये तकदीर है ,
बेटों ने ही बांधी माँ को लोहे की जंजीर है,
फटे न बिबाई जाके जाने नहीं पीर है ,
बढ़ी यह समस्या जैसे द्रोपदी का चीर है ,
बांटने लगे है देखो अब तो इंसान को ,
चीर डाले मेरे सारे -सारे अरमान को ||
सीधी- सादी बात याके (पाकिस्तान )समझ नी आवेगी ,
याको कछु जावे नहीं जनता दुःख पावेगी ,
खिसियानी बिल्ली खम्भा नोंच -नोंच खावेगी ,
पूरी को तो पावे नहीं खुद की गवावेगी ,
कोई समझाए कैसे ऐसे नादान को |
चीर डाले मेरे सारे- सारे अरमान को||
युवक को व्यसन ने ,युवती को फैशन ने,
कृषक को मौसम ने कर डाला निढ़ाल है,
ऐसे में उस कल्पना (चावला )की कल्पना कमाल है ,
भारत में जन्मी किया भारत निहाल है,
करती प्रणाम कल्पना की उस उड़ान को |
चीर डाले मेरे सारे सारे अरमान को ||
लगी है भली है तो भले तालियाँ बजाईए,
और इस "चंचल" का हौंसला बढ़ाईए ,
ग्रहण करती हूँ अब अपने स्थान को |
चीर डाले मेरे सारे -सारे अरमान को ||